“भय बिनु होइ न प्रीति” – रामचरितमानस की एक अमूल्य सीख

"विनय न मानत जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति।बोले राम सकोप तब, भय बिनु होइ न प्रीति॥"— रामचरितमानस, लंका काण्ड भूमिका: भारतीय संस्कृति में रामचरितमानस केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं,…

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